थर्मोडायनेमिक्स और इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म से तालमेल रखते हुए उनहोंने वायेन के विकिरण नियम (वायन के विस्थापन नियम के साथ भ्रमित नहीं होना)
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[7] थर्मोडायनेमिक्स और इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म से तालमेल रखते हुए उनहोंने वायेन के विकिरण नियम (वायन के विस्थापन नियम के साथ भ्रमित नहीं होना)
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वायेन का विस्थापन नियम दिखाता है कि किसी भी तापमान पर कृष्णिका का विकिरण किसी अन्य तापमान पर वर्णक्रम से किस तरह संबंधित है.
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वायेन का विस्थापन नियम दिखाता है कि किसी भी तापमान पर काले पदार्थ का विकिरण किसी अन्य तापमान पर वर्णक्रम से किस तरह संबंधित है.
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वायेन का विस्थापन नियम दिखाता है कि किसी भी तापमान पर काले पदार्थ का विकिरण किसी अन्य तापमान पर वर्णक्रम से किस तरह संबंधित है.
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इसे समूह विस्थापन नियम कहते हैं. रेडियोऐक्टिव श्रृंखलाएँ (षडिओअच्टिवे च्हइन्स्)-रेडियोऐक्टिव परिवर्तन से बनेबने पदार्थ स्वयं रेडियोऐक्टिव होते हैं और इस प्रकार परिवर्तन की लम्बीश्रृंखला बनती है.
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वह तरंगदैर्घ्य, जिस पर विकिरण सबसे मजबूत होता है,वायेन का विस्थापन नियम कहलाता है और प्रति यूनिट क्षेत्र में उत्सर्जित समग्र शक्ति स्टीफन बोल्ट्जमान नियम द्वारा दिया गया.